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Showing posts from December, 2019

Kidney failure treatment in Ayurveda

Most medical systems appear to be the embodiment of chemical made medicines, surgeries, and the four ethics autonomy, justice, beneficence, and non-maleficence. While taking treatment for any disease, we Image the doctor as God. In India, a doctor is equal to God because both have the power to cure a diseased person. However, nowadays, the service of medication turns into a business. But, still, the humankind is alive, and some doctors are diligently working to help people, so they can get rid of their health problems.  In this blog, we have mentioned the three types of medical systems that are far different from each other. Apart from that, we have also mentioned the six kidney problems for that we need kidney failure treatment in Ayurveda. We all might know about kidneys, but all of us are not aware of their problems. These days' due to the continuous changes in our lifestyle, we give the invite to the issues that directly affect the kidneys.  In our body, every organ i...

किडनी रोगियों के लिए खान-पान

किडनी के मरीजों में से लगभग एक चौथाई में किडनी में गड़बड़ी का कोई सटीक कारण ज्ञात नहीं है। डायबिटीज के रोगियों की बड़ी तादाद किडनी की बीमारी से ग्रसित है, वहीं दूसरी और किडनी की बीमारी से ग्रस्त एक तिहाई लोग डायबिटीज पीड़ित होते हैं। इससे एक बात साफ होती है कि इन दोनों का आपस में गहरा संबंध है। लंबे समय तक हाईपरटेंशन का शिकार रहे लोगों को भी किडनी की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।  किडनी की बीमारी के लिए दूषित खान-पान और वातावरण को मुख्य कारण माना जाता हैं। गंदा मांस, मछली, अंडा, फल, भोजन और गंदे पानी की सेवन किडनी की बीमारी की वजह वन सकता है। बढ़ते औद्योगिकीकरण, शहरीकरण और वाहनों के कारण पर्यावरण प्रदूषण बढ़ गया हैं। भोजन और पेय पदार्थों में भी कीटाणुनाशकों, रासायनिक खादों, डिटरजेंट, साबुन, औद्योगिक रसायनों के अंश पाएं जाते हैं। ऐसे में फेफड़े और जिगर के साथ ही किडनी भी सुरक्षित नहीं हैं। किडनी के मरीजों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ रही हैं और उन्हें इन बीमारियों का सामना करना पड़ता है जैसे -  • एक्यूट किडनी समस्याएं - एक्यूट किडनी समस्याएं बहुत ही तेजी से होती है, लेकिन ...

क्रोनिक किडनी डिजीज स्टेज 4 का आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट

किडनी की कार्य क्षमता कम होने में महीने से कई वर्षों तक का समय लगता है , तो उसे क्रोनिक किडनी डिजीज कहा जाता है। इस बीमारी की लास्ट स्टेज स्थायी रूप से किडनी फेल्योर होती है। क्रोनिक किडनी डिजीज होने को क्रोनिक रीनल फेल्योर , क्रोनिक किडनी रीनल या क्रोनिक किडनी फेल्योर के रूप में भी जाना जाता है। जब किडनी की कार्यक्षमता धीमी होने लगती है और स्थिति बिगड़ने लगती है , तब हमारे शरीर में बनने वाले अपशिष्ट पदार्थों और तरल की मात्रा खतरे के स्तर तक बढ़ जाती है। इसके उपचार का उद्देश्य रोग को रोकना या धीमा करना होता है। इसके मुख्य कारणों को नियंत्रित करके किया जाता है। साथ ही क्रोनिक किडनी डिजीज के लोगों की सोच से कहीं अधिक विस्तृत है। जब तक यह रोग शरीर में अच्छी तरह से फैल नहीं जाता है , तब तक रोग या इसके लक्षणों के बारे में कुछ भी पता नहीं चलता है। किडनी अपनी क्षमता से 75 प्रतिशत कम काम करती है , तब लोग यह महसूस कर पाते हैं कि उन्हें किडनी की बीमारी है। किडनी के रोगों में क्रोनिक किडनी डिजीज एक गंभीर रोग है , क्योंकि वर्तमान चिकित्सा विज्ञान में इस रोग को खत्म करने की कोई दवा उपलब्ध नह...

किडनी के लिए हानिकारक खाद्य पदार्थ

किडनी की खराबी से बचने के लिए रोगी को प्रोटीन , सोडियम और पोटेशियम की मात्रा कम लेनी चाहिए। यह तत्व अधिक मात्रा में लेने पर हानिकारक साबित हो सकता है। इस वजह से उन्हें पूरी तरह से लेना बंद भी नहीं किया जा सकता है। किडनी की खराबी में रोगी को डाइट के मामलों में काफी परहेज करना चाहिए। साथ ही किडनी शरीर में जहरीलें पदार्थों को बाहर निकालकर डिटॉक्सीफिकेशन का कार्य करती है। किडनी की विभिन्न बीमारियों और अस्वस्थाओं में खान-पान का परहेज अलग-अलग होता है, लेकिन यह कई बातों पर निर्भर करता है। आप खान-पान में परहेज करके किडनी के कई रोगों से बचा जा सकता है। इसके परहेज में मुख्य प्रोटीन , सोडियम , पोटेशियम , फास्फोरस व तरल पदार्थों की मात्रा आती है। सामान्य जानकारी के अभाव में मरीज अनावश्यक परहेज करने लगते हैं , जिससे भोजन स्वादहीन , रंगहीन और पौष्टिकता विहीन हो जाता है। ऐसा भोजन करने से मरीज शिकायत करने लगते हैं कि धीरे-धीरे उनकी जीभ का स्वाद जा रहा है। बता दें कि, हम अपने दिन की शुरूआत करने के समय, स्वास्थ्यवर्धक हरी सब्जियों से लेकर साधारण जंक फूड इन सभी चीजों का सेवन करते हैं। लेकिन क्या उन ...