एक किडनी वाले लोग क्या खाएं और किन बातों का ध्यान रखे?


बहुत से लोगो एक किडनी होती है। किसी के पास एक किडनी दो सूरतो में ही हो सकती है, पहला जन्म से एक ही किडनी का होना और दूसरा, किसी कारण के चलते एक किडनी को शरीर से अलग किया जाना हो।  जिन बच्चों में जन्म से ही दायीं किडनी तो होती है मगर बायीं किडनी नहीं होती है, ऐसी स्थिति को रेनल एजेंसिस कहा जाता है। हालांकि इस बात का पता तब तक नहीं चलता है जब तक व्यक्ति का एक्स-रे या अल्ट्रासाउंड टेस्ट न किया जाए। कई बार ऐसा भी देखा गया है कि व्यक्ति के पास दोनों किडनियां तो होती है लेकिन काम केवल एक ही किडनी करती है। जो लोग इस समस्या से जूझ रहे होते हैं उनकी इस स्थिति को रेनल डिस्प्लेसिया कहा जाता है।
जिन लोगो के पास एक किडनी होती है उनकी दो किडनी वालो की उपेक्षा किडनी अच्छी होती है। क्योंकि वह लोग अच्छी लाइफस्टाइल का चयन करते हैं। जब किसी कारण के चलते किसी व्यक्ति की किडनी खराब हो जाती है और वह एलोपैथी उपचार लेना शुरू करता है तो उसको एक समय आने पर अपनी एक किडनी ट्रांसप्लांट (प्रत्यारोपण) यानि बदलवानी पड़ती है। इस स्थिति में दो व्यक्तियों को अपनी एक किडनी निकलवानी पड़ सकती है।
एक किडनी वालों किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
जिन लोगो के पास किसी भी कारण से अगर किडनी है तो उनको कई बातों का ध्यान रखना चाहिए, जैसे की उन्हें अपने आहार और लाइफस्टाइल का खास ध्यान रखना चाहिए। ऐसे लोगो को किडनी खराब होने के कारणों पर खास ध्यान रखना चाहिए। एक किडनी वाले व्यक्ति को निम्नलिखित बातों का खास ध्यान रखना चाहिए, जोकि किडनी खराब होने के मुख्य कारण है :-
मूत्र संक्रमण से बचे -
मूत्र संक्रमण या यूरिन ट्रैक इन्फेक्शन (UTI) एक गंभीर समस्या है। बड़ों की तुलना में बच्चे इस बीमारी के अधिक शिकार होते हैं। मूत्र संक्रमण के दौरान किडनी पर नकारत्मक प्रभाव पड़ता है, जिससे किडनी संक्रमण होने का खतरा रहता है। किडनी संक्रमण समय के साथ किडनी फेल्योर जैसी गंभीर बीमारी बन जाता है।
जिम और खेलने से पहले चिकित्सक से बात करें -
आमतौर पर जब हम एक्सरसाइज करते हैं, तो हमारे शरीर में रक्त का प्रवाह तेज हो जाता है और पसीना भी निकलता है। इन कार्यों की वजह से किडनी का काम बढ़ जाता है। ऐसे में अगर एक किडनी वाले व्यक्ति ज्यादा देर तक व्यायाम करते हैं या खेल खेलते हैं, तो उन्हें कुछ स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसलिए अगर अगर आप जिम जाते हैं या खेल में रूचि रखते हैं, तो आपको अपने डॉक्टर से बात करके उनकी सलाह लेनी चाहिए।
मधुमेह को काबू रखे -
मधुमेह किडनी खराब होने का मुख्य कारण माना जाता है। मधुमेह होने पर रक्त में शर्करा की मात्रा बढ़ जाती है, शर्करा से भरे हुए रक्त को शुद्ध करते समय किडनी के नेफ्रोन पर दबाव पड़ता है। किडनी के नेफ्रोन पर लगातार दबाव पड़ने के कारण किडनी खराब हो जाती है।
दर्दनिवारक दवाओं का सेवन करने से बचे -
अधिक मात्रा में दर्द निवारक दवाओं के सेवन से किडनी की कार्यक्षमता पर असर पड़ता है। जिससे किडनी धीरे-धीरे काम करना बंद कर देती है। किडनी को नुकसान पहुंचाने वाली दवाओं को नेफ्रोटॉक्सिक (Nephrotoxic) दवाओं के नाम से जाना जाता है। नेफ्रोटॉक्सिक दवाएं किडनी में रक्त प्रवाह को बाधित करने के साथ-साथ रक्त शुद्ध करने की प्रक्रिया को भी रोकती है।
उच्च रक्तचाप को काबू रखें -
उच्च रक्तचाप के कारण शरीर में रक्त प्रवाह में समस्या होती है, साथ ही अधिक क्षार युक्त रक्त को बार बार शुद्ध करने के कारण किडनी पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है और किडनी खराब हो जाती है। ऐसे में एक किडनी वाले व्यक्ति को अपना उच्च रक्तचाप काबू में रखना चाहिए।
एक किडनी वाले व्यक्ति को क्या खाना चाहिए?
जो लोग एक किडनी वाले हैं उन लोगो को अपने खानपान का विशेष ध्यान रखना चाहिए। क्योंकि खाना किडनी आपके शरीर पर सीधा असर डालता हैं। एक किडनी वालों को अपने खानपान को लेकर निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए –
1.       उच्च प्रोटीन युक्त आहार का सेवन नहीं करना चाहिए। उच्च प्रोटीन किडनी की विफलता का कारण बन सकता है। इसी कारण आपको उच्च प्रोटीन वाले आहार का सेवन नहीं करना चाहिए। दूध, पनीर, दही, मीट में अधिक प्रोटीन होता है। प्रोटीन बार का सेवन नहीं करना चाहिए। सामान्यतः 0.8 से 1.0 ग्राम/ किलोग्राम प्रतिदिन शरीर के वजन के बराबर प्रोटीन लेने की सलाह दी जाती है। आमतौर पर प्रोटीन बार में एक चॉकलेट ब्राउनी के रूप में दोगुनी मात्रा में फैट और कॉर्बोहाइड्रेट पाया जाता है, जोकि नुकसानदायक होता है।
2.       आपने यह श्लोगन तो सुना ही होगा “an apple a day, keep doctor away”, सेब आपको कई रोगों से बचा कर रखता है।  सेब आपकी किडनी को मजबूत बनाएं रखने में मदद करता है। वहीं सेब का सिरका किडनी को साफ कर उसकी क्षतिग्रस्त हुई कोशिकाओं को राहत देने का कार्य करता है।
3.       प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ (processed foods) का सेवन नहीं करना चाहिए। यह आपको पाचन से जुड़ी समस्या को पैदा कर सकते हैं। प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ का जिनका सेवन करने से आपके पेट में गैस बनने लगती है और संक्रमण होने की आशंका भी रहती है। इसलिए केन फूड, चिप्स  आदि खाने के बजाए साबुत आहार खाएं जो सेहतमंद भी होते हैं।
4.       अगर आप एक किडनी के साथ-साथ मधुमेह से जूझ रहे हैं तो आपको मीठे का सेवन बिलकुल नहीं चाहिए, हाँ आप प्राकृतिक मीठे का सेवन कर सकते हैं, जैसे फल। मधुमेह को काबू में रखने के लिए आप जामुन, नींबू, आंवला, टमाटर, पपीता, खरबूजा, कच्चा अमरूद, संतरा, मौसमी, जायफल, नाशपाती जैसे फलों का सेवन करें, यह सभी फल आपकी मीठा खाने की इच्छा पूरा करने के साथ-साथ रक्त शर्करा को भी काबू में करते हैं।
5.       किडनी की समस्याओं से बचने के लिए व्यक्ति को अपने आहार में से पोटेशियम युक्तर खाद्य पदार्थों की कटौती करनी चाहिए। पोटेशियम का सेवन तभी कम करना है, जब इसकी आवश्यकता हो, यह फिर आपकी किडनी का फंग्शपन 20 प्रतिशत से भी नीचे चला गया हो। पोटेशियम उच्च रक्तचाप की समस्या से निदान पाने के लिए जरुरी होता है, लेकिन इसकी अधिक मात्रा किडनी पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। शरीर में पोटेशियम की मात्रा कम करने के लिए आप संतरा, पालक, अनार, केला, अंगूर, टमाटर, केला आदि का सेवन नहीं करना चाहिए।
6.       किडनी खराब होने के पीछे उच्च रक्तचाप सबसे बड़ा कारण माना जाता है, ऐसे में एक किडनी वाले व्यक्ति को उच्च रक्तचाप को काबू में रखना चाहिए। रक्त में सोडियम की अधिक मात्रा होने के कारण किडनी को रक्त शुद्ध करने के दौरान फिल्टर्स पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है और किडनी खराब हो जाती है। उच्च रक्तचाप की समस्या से जूझने वाले व्यक्तियों को अपने आहार में बैंगन, नारियल पानी, मशरूम, ओट्स, दही जैसी चीजों को अपने आहार में शामिल करना चाहिए। साथ ही रोगी को नमक का सेवन ना के बराबर ही करना चाहिए, आप साधारण नमक की जगह सेंधा नमक को अपने आहार में शामिल कर सकते हैं।
7.       किडनी को स्वस्थ रखने के लिए आप लौकी, खीरा, गाजर, फूलगोभी, पत्ता गोभी, तुरई जैसी सब्जियों को अपने आहार में शामिल करें। यह सभी सब्जियां किडनी किडनी को स्वस्थ बनाएं रखती है। आप चाहें तो इन सब्जियों को जूस के रूप में अपने आहार में शामिल कर सकते हैं, लेकिन शर्त यह है कि जूस एक दम ताज़ा हो।
8.       लाल शिमला मिर्च में पोटेशियम की मात्रा बहुत कम होती हैं लेकिन यह खाने में बहुत स्वादिष्ट होती है। लेकिन यह एकमात्र कारण नहीं है कि लाल शिमला मिर्च किडनी को स्वस्थ रखने के लिए एकदम सही आहार है। यह स्वादिष्ट सब्जी अकेले विटामिन सी और विटामिन ए, साथ ही विटामिन बी6, फोलिक एसिड और फाइबर का एक उत्तम स्रोत है। किडनी रोगो से निदान के साथ-साथ लाल शिमला मिर्च हमें हार्ट प्रॉब्लम और मोतियाबिंद से भी बचाता हैं। क्योंकि इसमें आयरन, विटामिन, बीटा कैरोटीन आदि भरपूर मात्रा में होता है।
9.       टिंडे के अंदर विटामिन्स और खनिज दोनों प्रचुर मात्रा में मिलते हैं। अगर आप किडनी फेल्योर की बीमारी से जूझ रहे हैं, तो आपको टिंडे को अपने आहार में जरूर शामिल करना चाहिए। टिंडा शरीर में मौजूद अपशिष्ट उत्पादों को शरीर से बहार निकालने में मदद करता है। टिंडा में पानी की मात्रा सबसे अधिक होती है, जो मूत्र वर्धक के रूप में काम करता है जिससे किडनी की सफाई होती। उच्च रक्तचाप की समस्या से जूझने वाले व्यक्तियों को टिंडे के जूस का सेवन करने चाहिए। इसके अंदर घुलनशील फाइबर काफी मात्रा में मिलता है, जो रक्त शर्करा को कम करने में मदद करता है।
कर्मा आयुर्वेदा द्वारा किडनी फेल्योर का आयुर्वेदिक उपचार :-
एक तरफ जहां अंग्रेजी उपचार में डायलिसिस और किडनी ट्रांसप्लांट का सहारा लेना पड़ता है, वहीं आयुर्वेद में केवल जड़ी-बूटियों कि मदद से खराब किडनी को पुनः ठीक किया जाता है। कर्मा आयुर्वेदा ने आयुर्वेद कि मदद से  क्रिएटिनिन को कम कर उसे नीचे लाया है कर्मा आयुर्वेदा की स्थापना 1937 में धवन परिवार द्वारा की गई थी। इस समय प्रसिद्ध आयुर्वेदिक चिकित्सक  डॉ. पुनीत धवन कर्मा आयुर्वेदा का नेतृत्व कर रहे हैं। डॉ. पुनीत धवन ने  केवल भारत में ही नहीं बल्कि विश्वभर में किडनी की बीमारी से ग्रस्त मरीजों का इलाज आयुर्वेद द्वारा किया है। आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है। जिससे हमारे शरीर में कोई साइड इफेक्ट नहीं होता हैं। साथ ही डॉ. पुनीत धवन ने 35 हजार से भी ज्यादा किडनी मरीजों को रोग से मुक्त किया हैं। वो भी डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के बिना। आज के समय में "कर्मा आयुर्वेदा" प्राचीन आयुर्वेद के जरिए  "किडनी फेल्योर" जैसी गंभीर बीमारी का सफल इलाज कर रहा है। 



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